मानव तस्करी को रोकने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding between India and United Arab Emirates on cooperation in preventing and combating of Human Trafficking)
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मानव तस्करी को रोकने एवं उसका मुकाबला करने के लिए आपसी सहयोग पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी।
यह एमओयू दोनों देशों के बीच मित्रता के रिश्ते को मजबूत बनायेगा तथा मानव तस्करी, विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी को रोकने, बहाली, राहत एवं उनके देश-प्रत्यावर्तन के मुद्दे पर आपसी सहयोग को शीघ्रता से बढ़ायेगा।
इस एमओयू की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-
1. सभी प्रकार की मानव तस्करी, विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए आपसी सहयोग को मजबूत बनाना तथा त्वरित जांच और दोनों देशों में से किसी में भी मानव तस्करों एवं संगठित अपराध का अभियोजन सुनिश्चित करना ।
2. रोक संबंधी कदम उठाना, जो महिलाओं एवं बच्चों की तस्करी को खत्म करेगा एवं मानव तस्करी के पीडि़तों के अधिकारों की सुरक्षा करेगा।
3. मानव तस्करी प्रकोष्ठ एवं कार्य बल दोनों ही देशों में मानव तस्करी को रोकने के लिए कार्य करेंगे।
4. पुलिस एवं अन्य संबंधित अधिकारी एक साथ मिलकर कार्य करेंगे एवं आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान करेंगे जिसका उपयोग मानव तस्करों पर पाबंदी लगाने के लिए किया जा सकता है।
5. पीडि़तों का देश-प्रत्यावर्तन जहां तक संभव है, शीघ्रतापूर्वक किया जाएगा और गृह देश पीडि़तों का सुरक्षित एवं कारगर पुनर्एकीकरण कार्य शुरु करेगा।
6. समझौता ज्ञापन के कामकाज की निगरानी के लिए दोनों देशों के प्रतिनिधियों के साथ एक संयुक्त कार्य बल का गठन किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
मानव तस्करी के एक गंतव्य के रूप में दक्षिण एशियाई देश मुख्य रूप से घरेलू मानव तस्करी, या पड़ोसी देशों से मानव तस्करी से प्रभावित हैं। बहरहाल, दक्षिण-एशियाई प्रभावितों का भी मध्य पूर्व में अब लगातार पता चल रहा है। जहां तक संयुक्त अरब अमीरात के लिए मानव तस्करी का सवाल है, भारत एक स्रोत और पारगमन देश है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात मुख्य रूप से दक्षिण, दक्षिण-पूर्व एवं मध्य एशिया तथा पूर्वी यूरोप के पुरूषों एवं महिलाओँ के लिए एक गंतव्य तथा पारगमन देश है, जिन्हें जबरन श्रम एवं यौन तस्करी का सामना करना पड़ता है। प्रवासी मजदूर, जो संयुक्त अरब अमीरात के निजी क्षेत्र श्रमबल के 95 प्रतिशत से अधिक हैं, की नियुक्ति मुख्य रूप से इथोपिया, इरिट्रिया, ईरान एवं पूर्वी दक्षिणी तथा दक्षिण पूर्वी एशिया से की जाती है। इनमें से कुछ श्रमिकों को संयुक्त अरब अमीरात को बेगारी का सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ देशों की महिलाएं स्वेच्छा से घरेलू कामवालियों, सचिवों, ब्यूटिशियन एवं होटलों में सफाई का काम करने के लिए जाती हैं। लेकिन उनमें से कुछ को अवैध तरीके से जबरन श्रम कराने, उनके पासपोर्ट को जब्त करने, आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने, मजदूरी न दिए जाने, धमकियों और शारीरिक या यौन शोषण का शिकार बनना पड़ता है।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सभी स्तरों पर मानव तस्करी विरोधी कदमों का सुदृढ़ीकरण पीडितों की सुरक्षा एवं उनके बचाव के लिए आवश्यक है। इसके लिए दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान, संयुक्त जांच एवं मानव तस्करी की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक समन्वित प्रयास के लिए आपसी सहयोग की आवश्यकता है। इस उद्देश्य के लिए संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव रखा गया है। हमने बांग्लादेश के साथ मानव तस्करी को रोकने के लिए पहले ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रखा है तथा बहरीन के साथ एक एमओयू पर इस महीने के दौरान हस्ताक्षर किया जाना है।
source : PIB
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